गया जंक्शन जल्द ही यात्रियों के लिए एक नए रूप में प्रस्तुत होगा। 300 करोड़ रुपये की लागत से इसका पुनर्विकास किया जा रहा है, जिसमें इसे विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जाएगा। रेलवे विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, और 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है।
गया जंक्शन बनेगा आधुनिक सुविधाओं का केंद्र
पूर्व मध्य रेलवे (ECR) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) सरस्वती चंद्रा ने बताया कि यह स्टेशन बिहार का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जो अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटकों और वार्षिक ‘पितृपक्ष मेला’ के लिए जाना जाता है। पुनर्विकास परियोजना के तहत गया जंक्शन को यूरोपीय रेलवे स्टेशनों की तर्ज पर डिजाइन किया जा रहा है।
स्टेशन में यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
- हाई-स्पीड वाई-फाई: यात्रियों को तेज़ इंटरनेट सेवा मिलेगी।
- एस्केलेटर और लिफ्ट: सभी प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में आसानी होगी।
- विशाल प्रतीक्षालय: आरामदायक बैठने की सुविधा।
- एटीएम: यात्रियों के लिए नकदी की आसानी से उपलब्धता।
- कंकर्स हॉल में भगवान बुद्ध का चित्र: स्टेशन का मुख्य आकर्षण।
- उन्नत प्लेटफॉर्म: यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए।
डिज़ाइन में विशेष बदलाव
रेलवे ने गया जंक्शन के लिए एक नई संरचनात्मक डिज़ाइन तैयार की है, जिसमें यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें अलग-अलग प्रवेश और निकास बिंदु बनाए जा रहे हैं, ताकि भीड़-भाड़ को रोका जा सके। इसके अलावा,
- मल्टी-लेवल पार्किंग: यात्रियों और वाहनों की आवाजाही के लिए पर्याप्त स्थान।
- विस्तृत सर्कुलेटिंग क्षेत्र: वाहन और पैदल यात्रियों के लिए आसान व्यवस्था।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
गया जंक्शन का यह नया रूप पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। बोधगया जैसे धार्मिक स्थलों और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटकों के लिए इसे खासतौर पर डिज़ाइन किया गया है। उन्नत सुविधाएं और विश्वस्तरीय व्यवस्था इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेंगी।
यात्री घोषणाओं में सुधार
ट्रेन की आगमन और प्रस्थान की जानकारी के लिए यात्री घोषणाओं की प्रणाली को भी उन्नत किया जाएगा। इससे यात्रियों को अपनी यात्रा की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी।
2025 तक होगा तैयार
इस परियोजना को चरणों में पूरा किया जाएगा और अगले दो वर्षों में इसके पूरी तरह से तैयार होने की उम्मीद है। पुनर्विकसित गया जंक्शन न केवल स्थानीय यात्रियों की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि हर साल बोधगया और अन्य ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करने वाले हजारों अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का भी स्वागत करेगा।
भारतीय रेलवे की बड़ी पहल
यह परियोजना भारतीय रेलवे की उस बड़ी पहल का हिस्सा है, जिसमें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। सरस्वती चंद्रा ने कहा, “यह पहल भारतीय रेलवे की बुनियादी ढांचे में सुधार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। गया जंक्शन आधुनिकता और पहुंच का प्रतीक बनेगा और यह भारत की बढ़ती वैश्विक कनेक्टिविटी का सही प्रतिबिंब होगा।”
2025 में, गया जंक्शन न केवल एक स्टेशन होगा, बल्कि आधुनिकता और भारतीय संस्कृति का संगम भी होगा।
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