Thursday, November 21
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जाति आधारित गणना पर नीतीश सरकार को पटना हाई कोर्ट से बङी राहत

बिहार की जाति आधारित गणना 2023: पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को बिहार में जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके साथ ही इस गणना का आयोजन बुधवार से प्रारंभ होगा। अब तक 80% काम पूरा हो गया है। यह गणना जनता की जाति, धर्म, आर्थिक और सामाजिक स्थिति का पता लगाने के लिए की जाती है।

पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को नीतीश सरकार को राहत देते हुए बिहार में जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके साथ ही इस गणना का आयोजन बुधवार से पुनः शुरू होगा।

पटना उच्च न्यायालय के फैसले के बाद, सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग करके उन्हें निर्देश दिए। इसका माध्यम से सरकार को जनसंख्या के आधार पर विकास योजनाओं का खाका तैयार करने में मदद मिलेगी।

जाति आधारित गणना से जनता की जाति, धर्म, शिक्षा और आय का पता चलता है। यह गणना जाति के आधार पर आबादी की गिनती करने के लिए की जाती है, जो समाज में हिस्सेदारी का अनुमान लगाने में मदद करती है।

जाति आधारित गणना से मिले आंकड़े सरकार को विकास की योजनाओं का तैयारी में मदद करेंगे और पिछड़े वर्गों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए नई योजनाएं बनाने में मदद करेंगे। इसके बाद सामजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

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