Thursday, December 26
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Article 164 in Hindi: अनुच्छेद 164 क्या कहता है मुख्यमंत्री चयन की प्रक्रिया के बारे में?

How is Chief Minister appointed in India? Anuched 164 kya hai? Article 164 kya hai? Mukhyamantri ki shaktiyan aur Rajyapal ki shaktiyan kya hai? Roles of Governor in India according to Article 164 in Hindi. Power of Chief Minister in India.

Anuched 164 kya hai? Article 164 kya hai?
Anuched 164 kya hai? Article 164 kya hai?

The Ganga Times, Article 164: पाँचों राज्यों के चुनाव ख़त्म हो चुके हैं। जब हम ये वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं, असम को छोड़कर सभी चार राज्यों के मुख्यमंत्री तय हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, तमिलनाडु में मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन, और पुडुचेरी में एन रंगास्वामी ने शपथ ले ली है और अपने कार्यकाल की शुरुआत कर दी है। केरल में पिनरई विजयन एक-दो दिन में शपथ ले लेंगे जबकि असम में अभी तक मुख्यमंत्री का चयन नहीं हुआ है।

हर पांच साल पर चुनाव होता है और नए मुख्यमंत्री आते हैं, नए मंत्रिमंडल का गठन होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये प्रक्रिया इतनी भी सरल नहीं है जितनी आपको हमको दिखती है। तो आज हम जानेंगे कि आखिर मुख्यमंत्री का चयन कैसे होता है। संविधान में इसके लिए कौन से नियम-क़ानून बनाये गए हैं।

तो दोस्तों जिस प्रकार संघ की मंत्री परिषद का प्रधान भारत का प्रधानमंत्री होता है, उसी प्रकार राज्य की मंत्रिपरिषद का प्रधान एक मुख्यमंत्री होता है।

तो आइये जानते हैं की क्या लिखा है भारत के संविधान में, (Article 164 kya hai?)

(1) The Chief Minister shall be appointed by the Governor and the other Ministers shall be appointed by the Governor on the advice of the Chief Minister, and the Ministers shall hold office during the pleasure of the Governor:

Provided that in the States of 1 [Chhattisgarh, Jharkhand], Madhya Pradesh and Orissa, there shall be a Minister in charge of tribal welfare who may in addition be in charge of the welfare of the Scheduled Castes and backward classes or any other work.

  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 164 (Anuched 164) कहता है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह से राज्यपाल द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री राज्यपाल के प्रसादपर्यंत अपने पद धारण करेंगे।

परंतु बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यों में जनजातियों के कल्याण का भारसाधक एक मंत्री होगा जो साथ ही अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के कल्याण का या किसी अन्य कार्य का भी भारसाधक हो सकेगा।

Constitution of India: Know about Article 164 in Hindi. Anuched 164 ke bare me janiye.
Constitution of India: Know about Article 164 in Hindi. Anuched 164 ke bare me janiye.

(1A) The total number of Ministers, including the Chief Minister, in the Council of Ministers in a State shall not exceed fifteen per cent. of the total number of members of the Legislative Assembly of that State: Provided that the number of Ministers, including the Chief Minister in a State shall not be less than twelve:

91 वां संविधान संशोधन अधिनियम 2003 (91st amendment of Indian constitution 2003) में यह व्यवस्था की गई है कि राज्यों के मंत्रिपरिषद का आकार मुख्यमंत्री सहित विधानसभा की कुल सदस्य संख्या का 15% से अधिक नहीं हो सकता।

(1B) A member of the Legislative Assembly of a State or either House of the Legislature of a State having Legislative Council belonging to any political party who is disqualified for being a member of that House under paragraph 2 of the Tenth Schedule shall also be disqualified to be appointed as a Minister under clause (1) for duration of the period commencing from the date of his disqualification till the date on which the term of his office as such member would expire or where he contests any election to the Legislative Assembly of a State or either House of the Legislature of a State having Legislative Council, as the case may be, before the expiry of such period, till the date on which he is declared elected, whichever is earlier.

अनुच्छेद 164 (B) (Article 164-B) में कहा गया है की कोई वैसे कोई भी विधानसभा या विधानमंडल का सदस्य जो निरर्हित या अयोग्य ठहरा दिया गया है, वो मंत्री नहीं बन सकता। अगर वो एक बार Disqualified कर दिया जाता है तो उसे फिर से सदन में चुन कर आना होगा।

(2) The Council of Ministers shall be collectively responsible to the Legislative Assembly of the State.

(2) मंत्रि-परिषद राज्य की विधानसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगी।

(3) Before a Minister enters upon his office, the Governor shall administer to him the oaths of office and of secrecy according to the forms set out for the purpose in the Third Schedule.

(3) किसी मंत्री द्वारा अपना पद ग्रहण करने से पहले, राज्यपाल तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए दिए गए प्रारूपों के अनुसार उसको पद की और गोपनीयता की शपथ दिलाएगा।

(4) A Minister who for any period of six consecutive months is not a member of the Legislature of the State shall at the expiration of that period cease to be a Minister.

(4) कोई मंत्री, जो निरंतर छह मास की किसी अवधि तक राज्य के विधान-मंडल का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा।

(5) The salaries and allowances of Ministers shall be such as the Legislature of the State may from time to time by law determine and, until the Legislature of the State so determines, shall be as specified in the Second Schedule.

मुख्यमंत्री के वेतन एवं भत्तों का निर्धारण राज्य विधानमंडल द्वारा किया जाता है ! राज्य विधानमंडल के प्रत्येक सदस्य को मिलने वाले वेतन भत्तो सहित उसे विषयक भत्ते, निशुल्क आवास, यात्रा भत्ता, चिकित्सा सुविधाएं आदि मिलती है।

Anuched 164 kya hai? Article 164 in Hindi?
Anuched 164 in Hindi? Indian Constitution’s Article 164 in Hindi?

Mukhyamantri ki niyukti kaise ki jaati hai? (Article 164 in Hindi)

  • वैसे तो संविधान में मुख्यमंत्री की चयन के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है, लेकिन संसदीय व्यवस्था में उसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री चुना जाता है जो विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है।
  • मुख्यमंत्री को विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य होना अनिवार्य है।
  • मुख्यमंत्री एवं उसकी मंत्री परिषद का कार्यकाल अधिकतम 5 वर्ष होता है। इसके पूर्व भी मुख्यमंत्री अपनी स्वेच्छा से राज्यपाल को त्याग पत्र दे सकता है।

क्या राज्यपाल किसी मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर सकता है?

जी हाँ, संविधान में राज्यपाल को ये शक्ति दी गई है की वो किसी मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर सकता है लेकिन किसी ख़ास परिस्थिति में ही। राज्यपाल मुख्यमंत्री को तब तक नहीं बर्खास्त कर सकता है जब तक उसे विधानसभा में बहुमत प्राप्त है। अगर सीएम विधानसभा में बहुमत खो देता है तो उसे त्यागपत्र दे देना चाहिए अन्यथा राज्यपाल उसे बर्खास्त कर सकता है।

मुख्यमंत्री की शक्तियां: (Powers of Chief Minister in Article 164)

(क) राज्यपाल उन्हीं लोगों को मंत्री नियुक्त करता है जिनकी सिफारिश मुख्यमंत्री ने की हो।
(ख) मुख्यमंत्री के पास मंत्रियों के विभागों का वितरण एवं फेरबदल करने का अधिकार होता है।
(ग) मतभेद होने पर वह किसी भी मंत्री से त्यागपत्र देने के लिए कह सकता है या राज्यपाल को उसे बर्दाश्त करने के परामर्श दे सकता है।
(घ) राज्य में होने वाले मंत्री परिषद की बैठक का अध्यक्ष भी मुख्यमंत्री ही होता है।
(ड़) मुख्यमंत्री मंत्रियों के कामों में सहयोग देता है और समय समय पर उसे नियंत्रण और मार्गदर्शन भी कर सकता है।
(च) यदि किसी मंत्री का पद रिक्त होता है तो ये मुख्यमंत्री के ऊपर है की वो उसे भरना चाहता है या नहीं।
(छ) मुख्यमंत्री के इस्तीफा देते ही या मृत्यु के कारण पूरी मंत्रिपरिषद अपने आप ही विघटित हो जाती है।

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