Shiddat movie review in Hindi: The Sunny Kaushal-Radhika Madan film is now streaming on Disney plus Hotstar.
प्रेम पर फिल्म लिखते वक्त एक फिल्म का लेखक क्या सोचता होगा? क्या वो सिर्फ प्रेम कहानी पर ध्यान देता होगा या उसके नएपन और पुरानेपन पर भी सोचता होगा? शिद्दत को देखते वक्त ऐसा नहीं लगता कि एक प्रेम वाली फिल्म लिखते वक्त लेखक ने कुछ सोचा भी होगा। शिद्दत में कुछ भी नया सा नहीं लगता बाकी आइए जानते है विस्तार में की ओवरऑल कितनी शिद्दत है इस शिद्दत फिल्म के अंदर।
फिल्म की कहानी शुरू होती है एक शादी वाली दावत (रिसेप्शन) से, दावत में एक नवविवाहित जोड़ा स्पीच दे रहा होता है और उसी दावत में मौजूद होते है कुछ बिन बुलाए बाराती। मोहित रैना और डायना पेंटी नवविवाहित जोड़ा होते है और वहीं पर मौजूद बिन बुलाए बाराती है सन्नी कौशल। कहानी एक स्पोर्टस कैंप की ओर बढ़ती हैं और वहाँ स्वीमिंग करती नज़र आती हैं राधिका मदान। सन्नी कौशल इस फिल्म में एक स्टेट हॉकी प्लेयर जग्गी का किरदार और वहीं राधिका मदान स्वीमिंग प्लेयर कार्तिका का किरदार निभा रही हैं। जग्गी का दोस्त एक दिन उसे हॉकी ग्राउंड पर बताता है कि स्वीमिंग पूल में जलपरिया आई हैं, इसके बाद जग्गी और उसके दोस्त हॉकी छोड़ जलपरियो को देखने चले जाते है।
जग्गी की वहाँ मुलाकात कार्तिका से होती है और उसे पहली नज़र वाला प्यार हो जाता है।बिना कार्तिका की इज़ाजत लिए जग्गी अपनी फोटो उसके साथ खिंचवाता और उस फोटो को इंटरनेट पर अपलोड कर देता हैं। इस हरकत से कार्तिका चिढ़ जाती है और अगले दिन कार्तिका बदला लेने के लिए लड़को के लॉकर रूम में घुस विडियो बनाने लग जाती है, एकतरफ जहाँ बाकी लड़के बिना कपड़ो के शर्मा रहे होते है तो वही दूसरी ओर जग्गी आराम से अपना वीडियो बनवाता है। इसके बाद जग्गी और कार्तिका के बीच नज़दीकियां बढ़ने लगती है। आगे कहानी में पता लगता है कि कार्तिका की शादी लंदन मे तय हो चुकी है और यही इस कहानी का टर्निंग पॉइन्ट है। बाकी फिल्म में एक और प्रेम कहानी है, जो मोहित और डायना के रिश्ते को दर्शाता है। फिल्म में इस प्रेम कहानी को इसलिए रखा है ताकि जग्गी को उसका प्रेम मिल सके। बाकी जग्गी का क्या होता है! उसे कार्तिका मिलती है या नहीं! इन सवालों के जवाब पता करने के लिए आपको हॉटस्टार पर यह फिल्म देखनी होगी।
यह फिल्म मॉडर्न बनने की लाख कोशिश करती है मगर कहानी ऐसी लिखी गई है कि फिल्म को देखते वक्त नब्बे के दशक की फिल्मों का फ्लैशबैक आता है। फिल्म में एक सीन है, जहां कार्तिका कहती है कि जग्गी के साथ उसे ऐसा लगता है मानों वो 90s के हिन्दी फिल्मों की हीरोइन है। हमें भी यही लगा कि हम नब्बे के दशक की ‘डर’ जैसी कोई फिल्म देख रहे हो। शुरुआत में फिल्म का टेक अच्छा लगता है मगर अंत तक आते-आते फिल्म अपने ही विचारों में उलझी नज़र आती हैं।फिल्म के कुछ सीन तो एकदम तर्कहीन लगते है, उन्हे देख इस फिल्म को रोमांटिक नहीं बल्कि फैनटेसी फिल्म बोलने का जी करता है।
फिल्म में अदाकारी की बात करे तो मोहित रैना ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, जब भी मोहित स्क्रीन पर दिखे तब-तब एक गहरापन महसूस हुआ।डायना पेंटी का रोल उतना बड़ा नहीं था मगर छोटे से रोल को भी उन्होने शानदार तरीके से निभाया है।अब रही बात सन्नी कौशल और राधिका मदान की तो दोनो साथ में अच्छे लगे है। इस फिल्म में सन्नी कौशल की कॉमिक टाइमिंग जबरदस्त है तो वही राधिका मदान ने इमोशनल सीन में शानदार अदाकारी की है।
ओवरऑल बात करे तो फिल्म की सबसे सुंदर चीज़ है इसका संगीत। गाने इतने सुंदर है कि आप सिर्फ गानों को सुन फिल्म का मर्म समझ लेंगे मगर इस फिल्म की कमज़ोर कहानी ने सुंदर गानों का मर्म ही खराब कर दिया। खैर, अगर आपको 21वीं सदी में एक ऐसी फिल्म देखना सही लगता है जिसमे स्टॉकिंग जैसी चीज़ को सही ठहराया गया हो, तो ज़रूर देखिए।
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