शिवहर के एक घटनास्थल परिषद के वार्ड नंबर-08 में घटित हुई एक दुखद घटना ने लोगों को गहरी चोट पहुंचाई है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल में भेज दिया है। थाना अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने इस घटना की पुष्टि की है।
17 वर्षीय खुशबू कुमारी के निधन का कारण बताया जा रहा है कि वह मैट्रिक की परीक्षा में फेल हो गई थी। इस खबर से उसके परिवार और समाज में दुख और चौंका चौंकी का माहौल है।
खुशबू की मृत्यु के परिणामस्वरूप उसके पिता, सत्यदेव साह, बेरोज़गार थे और उन्होंने ताला चाबी बनाने का काम किया था। वह तीन बड़ी बहनों और तीन भाइयों के साथ रहती थी।
खुशबू के पिता सत्यदेव साह के साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों का दुख और मायूसी छाई हुई है। उनकी आत्महत्या ने उनके चारों ओर गहरी उदासी और चिंता का दौर घेर लिया है।
इस दुखद घटना को लेकर सामाजिक अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों की गहरी चिंता है। वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने और युवाओं को मानसिक समर्थन प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने समाज को जागरूक करने का काम किया है ताकि ऐसी प्रक्रियाओं को रोका जा सके और नवयुवा अपनी सामाजिक और मानसिक समस्याओं का समाधान कर सकें।
इस साल, मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में 16 लाख 64 हजार से अधिक छात्रों ने भाग लिया था, जिनमें से 13 लाख से अधिक छात्रों ने सफलतापूर्वक पास हो गए हैं। इस साल का पास प्रतिशत 82.91% था। पिछले पांच सालों के बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट के पास प्रतिशत की तुलना में देखें तो, पिछले कुछ सालों में छात्रों का पास प्रतिशत में सुधार हुआ है। 2019 में 80.73%, 2020 में 80.59%, 2021 में 78.17%, 2022 में 79.88%, और 2023 में 81.04% छात्रों ने मैट्रिक बोर्ड परीक्षा पास की थी।
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