बिहार में महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस के मंत्री बनने पर घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस के दो नए मंत्री बनने की अटकलें अब तक बनी हुई हैं और नए चेहरों को लेकर संशय अभी भी बना हुआ है। इस घमासान की वजह से पार्टी के अध्यक्ष और अन्य नेताओं के बीच चर्चा जारी है।
इस तनावपूर्ण स्थिति में तीन नए नामों को लेकर खास चर्चा हो रही है। पहले नाम में महाराजगंज के विधायक विजय शंकर दुबे, औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर, और मुजफ्फरपुर से पार्टी के टिकट पर जीतने वाले विजेंद्र चौधरी का नाम है। इन तीनों के नामों को लेकर पार्टी में उत्साह और जोरशोर चर्चा हो रही है।
हालांकि, इस दौड़ में कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता अजीत शर्मा का भी नाम लिया जा रहा है। उनके मंत्री बनने के मामले में भी चर्चा जारी है और पार्टी के नेता उनके समर्थन में भी आए हैं।
इस बीच, एक महिला विधायक भी अपने नाम की मुहर लगा रही हैं। उन्हें भी मंत्री पद के लिए दावेदारी देने की उम्मीद है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने भी बताया है कि जल्द ही कैबिनेट का विस्तार होगा और कांग्रेस के दो और लोगों को मंत्री बनाया जाएगा।
महिला मंत्री के मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह का यह कहना है कि उन्हें भी मंत्री बनाने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं और महिला होने के कारण भी उन्हें मंत्री पद का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस के 19 एमएलए हैं, जिनमें सिर्फ दो महिलाएं हैं। कांग्रेस के कोटे से अभी तक सिर्फ दो मंत्री हैं और दोनों ही पुरुष हैं, इसलिए महिला होने के कारण वे मंत्री पद का मौका पाने की उम्मीद कर रही हैं। उन्होंने महागठबंधन में महिलाओं की भागीदारी को लेकर मुख्यमंत्री को भी चेतावनी दी कि वे भी महिला उम्मीदवारों को मंत्री पद पर बढ़ावा दें।
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