Friday, November 22
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सरकारी तंत्र से परेशान शिक्षकों ने Jehanabad में DEO-DPO का पुतला फूंका

Jehanabad News: Teachers of Bihar are angry with the state government for non-payment of salaries or delayed salaries to regular teachers. Many teachers have not even got their due for the last one year, exposing the poor education system of Bihar.

The Ganga Times, Jehanabad News: बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था (poor education system of Bihar) किसी से छिपी नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार की शिक्षकों और उनके समस्याओं के प्रति अनदेखी ने विद्यार्थियों के भविष्य को आधार में छोड़ दिया है। हाल के दिनों में बिहार के शिक्षकों (Bihar’s teacher) को अपनी लड़ाई खुद लड़ते हुए देखा गया है। ऐसा ही कुछ नजारा मंगलवार को जहानाबाद (Jehanabad) में देखा गया जब सरकारी तंत्र के मारे शिक्षकों ने डीईओ और डीपीओ का पुतला फूंक अपनी नाराजगी जाहिर की।

Teachers burnt effigy of DEO and DPO in Jehanabad

जिले भर के शिक्षकों ने बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोप गुट के बैनर तले जहानाबाद में आक्रोश मार्च निकाला। साथ में अस्पताल मोड़ पर हुई सभा के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) का पुतला भी फूंका गया। शिक्षकों का कहना है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी को विभागीय नियमों कि या तो कोई जानकारी नहीं है या जानबूझ कर नियमों कि अनदेखी करते हैं।

सभा के दौरान जिला सचिव सत्येंद्र कुमार ने डीईओ पर आरोप लगाया कि उन्होंने सात दिसंबर को डीएम् कि अध्यक्षता में हुई बैठक में दिए गए निर्देशों कि अवहेलना की है। दर्जनों सेवानिवृत शिक्षकों और मृत शिक्षकों को बिना वजह ही सेवांत लाभ से वंचित रहना पड़ा है। शिक्षकों ने सामयिक वेतन ना मिलने के मुद्दे को भी उठाया। (Non-payment of salaries to Bihar teachers)

Poor situation of Bihar teachers

बता दें कि वर्ष 2012 में नियुक्त हुए नियमित शिक्षकों कि सेवा संपुष्टि आज तक नहीं हुई है। 34540 कोटि के नियुक्त शिक्षकों के वेतन का भी कोई अता-पता नहीं है। इस शिक्षकों को इस वर्ष जनवरी में ही नियुक्त किया गया था। इतना ही नहीं, आक्रोश मार्च में शामिल नियोजित शिक्षकों का कहना है की उनकी प्रोन्नति लंबे समय से अकारण विलम्बित है।

Jehanabad News: Bihar teachers association burnet deo and dpo effigy because of poor situation of salary

Teachers are the pillar of an educated society

कहा जाता है किसी समाज को महान बनाने में एक शिक्षक का योगदान अतुलनीय होता है। लेकिन जहाँ के शिक्षकों को अपनी छोटी-छोटी मांगो को लेकर सड़क पर उतरना पड़े, आप उस समाज कि दुर्दशा समझ सकते हैं। ठीक यही बात बिहार के लिए लागू होती है। सरकार को इनकी मांगो पर तुरंत विचार करना चाहिए वर्ना ज्ञान की धरती के गुरु अशोक, राजेंद्र प्रसाद, और रामवृक्ष बेनीपुरी पैदा नहीं कर सकते।

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