Khadim Hussain Rizvi, the latest radical sensation in Pakistan, dies at 54. ISI is being suspected to be behind his death, as he has been attacking the Imran Khan government for quite some time.
Gaya, Bihar: पाकिस्तान के विवादास्पद मौलाना और कट्टरपंथी नेता खादिम हुसैन रिजवी (Khadim Hussain Rizvi) का 54 साल की उम्र में निधन हो गया। भारत के खिलाफ जहरीले जुबान रखने वाले मौलाना पाकिस्तान की धार्मिक और सियासी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के मुखिया भी थे। उनके परिवार का कहना है की पिछले कुछ दिनों से उनकी तबियत ख़राब चल रही थी। शनिवार को जब मौलाना का जनाजा निकला तो हजारों लोग उनके समर्थन में आये।
मौलाना को उनके कट्टरपंथी विचारधारा जैसे ईशनिंदा कानून (Blasphemy Law in Pakistan) का समर्थन के लिए जाना जाता था। ईशनिंदा कानून में इस्लाम का अपमान करने पर मौत की सजा देने का कड़ा प्रावधान चाहती है। रिजवी हाल में चर्चित हो रहे ईशनिंदा आंदोलन में अपने लाखों समर्थकों के साथ फ़्रांस के खिलाफ कई बड़े धरने देते हुए देखे गए थे। उनकी पार्टी को पाकिस्तान की संसद में दो सीटें प्राप्त है।
पिछले रविवार को ही रिजवी (Khadim Hussain Rizvi) ने फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टूंन प्रकाशित होने के विरोध में राजधानी इस्लामाबाद में धरना दिया था। धरने के दौरान मौलाना के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हो गई थी। हालाँकि कुछ साल पहले तक उनके बारे में लोगों को बहुत ज़्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन 2018 से उन्होंने अपने जहरीले बयानों से काफी लोकप्रियता बटोरी है। नवंबर 2017 में उन्होंने एक विशाल रैली का नेतृत्व करते हुए पाकिस्तान के फ़ैज़ाबाद में धरना दिया।
हाल ही में कराची में दिए गए बयां की वजह से वो काफी विवादास्पद हो गए थे। उन्होंने कहा था कि अगर उनके पास परमाणु बम होता तो वो पैगम्बर का कार्टून बनाने वाले और ऐसे देश को पहले ही पूरी तरह से बर्बाद कर देते। वो अक्सर अपने आप को अल्लाह का सिपाही बताते थे और लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करते थे।
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