सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून के दुरूपयोग पर जताई चिंता, पूछा आज़ादी आंदोलन को कुचलने वाले औपनिवेशिक कानून की क्या अब भी है जरूरत?
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सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि महात्मा गांधी, तिलक को चुप कराने के लिए अंग्रेजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले औपनिवेशिक कानून की आजादी के 75 साल बाद भी क्या प्रसांगिकता है. CJI एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजद्रोह कानून के दुरुपयोग को लेकर भी चिंता जाहिर की है. जिसका सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर जोर दिया कि कानून के दुरूपयोग को रोकने के लिए कुछ पैरामीटर बनाए जा सकते हैं. वहीं केंद्र सरकार ने जुलाई 2019 में राज्यसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा था कि देशद्रोह के अपराध से निपटने वाले IPC के इस प्रावधान को खत्म करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. जिस पर आगे दलील देते हुए सरकार ने कहा था कि राष्ट्रविरोधी, अलगाववादी और आतंकवादी तत्वों का सही तरीके से मुकाब...