भारत में टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इंतज़ार बहुत लंबे समय से हो रहा है. अब इसको लेकर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क का भी बयान सामने आ गया है. ट्विटर पर एक भारतीय यूजर का जवाब देते हुए एलन मस्क ने कहा है कि टेस्ला भी भारत में इलेक्ट्रिक कारें लांच करना चाहती है. लेकिन भारत में अन्य देशों की तुलना में इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क बहुत ज्यादा है. साथ ही क्लीन एनर्जी गाड़ियों को पेट्रोल और डीजल गाड़ियों जैसा ही ट्रीट किया जाता है. जो कि भारत के जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप नहीं है.
भारत में कितना है आयात शुल्क?
भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर मौजूदा समय में आयात शुल्क 60 -100 प्रतिशत तक लिया जाता है. जिसको घटाकर 40 प्रतिशत करने की मांग की जा रही है. भारत ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को देश में प्रोमोट करने के लिए पिछले साल इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर GST शुल्क 12% से घटाकर 5% कर दिया था. साथ ही पिछले साल बजट के दौरान इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद के लिए लोन के ब्याज पर इनकम टैक्स में 1.5 लाख की कटौती का भी प्रावधान किया था.
भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की क्या है स्थिति ?
टेस्ला ने इस साल के जनवरी में भारतीय बाजार में प्रवेश का एलान किया था. टेस्ला भारत में अपनी एंट्री मॉडल 3 इलेक्ट्रिक कार की लांचिंग के साथ कर सकती है. जिसकी भारत में कीमत करीब 70 लाख के आसपास हो सकती है. भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और कीमत इलेक्ट्रिक कारों के खरीद को सीधा प्रभावित करती हैं. भारत भी देश में इलेक्ट्रिक कारों को प्रोमोट करना चाहता है. हाल ही में सरकार ने अपनी फ़ेम (FAME) योजना के दूसरे फेज की घोषणा की थी. जिसके तहत 2019-2022 के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकार ने अपने फंड को दस गुना बढ़ा कर दस हज़ार करोड़ कर दिया था. गोल्डमैन सैक्स के एक रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में 2025 तक करीब 74 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां होंगी.
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