In the foothills of the Himalayas, Kishanganj has emerged as a major tea-producing region in the country. The Doke Tea garden in Bihar’s Kishanganj is among most acclaimed and adored tea houses in recent times. Bihar me Chai ke bagaan kahan hai?
The Ganga Times, Knowledge Point: बिहार में चाय का बागान (Tea garden in Bihar)! जी हाँ, सही सुना आपने। बिहार में चाय की खेती होती है और बड़े पैमाने पर की जाती है। ऐसी बातें शायद आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी। आपकी जिज्ञासा को शांत करते हुए बता दूँ कि पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश (gateway to north-east India) द्वार कहे जाने वाले किशनगंज (Kishanganj) ने बिहार का ‘टी हॉटस्पॉट’ कहा जाता है। पिछले कुछ दशकों में किशनगंज जिले ने बिहार (Bihar’s Kishanganj district) को चाय उत्पादक राज्यों की श्रेणी में शुमार करते हुए राज्य को एक अलग पहचान दी है।
बिहार में चाय उत्पादन का इतिहास (History of tea garden in Bihar)
वैसे तो बिहार का उत्तर-पूर्वी जिला किशनगंज हमेशा से ही चाय के उत्पादन (tea production in Kishanganj) के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन 1990 के दशक में यहाँ चाय की खेती बड़े पैमाने पर होने लगी। बताया जाता है कि वर्ष 1956 में जब भारत में राज्यों के पुनर्गठन के दौरान किशनगंज से सोनापुर (जो कि अब पश्चिम बंगाल में है) के छह प्रखंड यदि नहीं काटे जाते तो बिहार का नाम चाय उत्पादक राज्यों में कब का शुमार हो जाता। किशनगंज से काटा गया हिस्सा आज पश्चिम बंगाल (West Bengal Tea production) में चाय व अनानास के उत्पादन के लिए जाना जाता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने अपने शुरुआती कार्यकाल में किशनगंज को टी-सिटी बनाने पर बहुत जोर दिया था। लेकिन अफ़सोस कि ये प्लान अमल में नहीं आ सका। उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में हम किशनगंज को चाय की खेती (tea plantation in Kishanganj) के क्षेत्र में भारत के सर्वोच्च नामों में देखेंगे
किशनगंज को बिहार का चेरापूंजी कहा जाता है (Kishanganj is Bihar’s Cherrapunji)
जानकारी के लिए बता दें कि किशनगंज को बिहार का चेरापूंजी भी कहा जाता है। यहाँ की मिट्टी और वातावरण दोनों चाय की खेती के लिए (tea plantation) अनुकूल हैं। बरसात के दिनों में यहाँ जम के बारिश होती है जो चाय की खेती के लिए सोने पे सुहागा है। आज की तारीख में किशनगंज में करीब 45 एकड़ से अधिक जमीन पर चाय की खेती की जाती है। इसी वजह से हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि यहां के हजारों मजदूर कमाने के लिए बहार न जा कर यहीं चाय के बगानों में काम कर रहे हैं।
Tea garden in Bihar’s Kishanganj is popular across India
आज किशनगंज सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि सारे देश में चाय के लिए जाना जाता है। यहाँ की चाय असम और दार्जिलिंग की चाय (Assam and Darjeeling Tea) से किसी भी मसले पर कम नहीं है। किशनगंज की दो चाय ब्रांड – राजबाड़ी और किशनबाड़ी (Rajbari Tea) लोगों के दिलों पर राज कर रही है। अगर सरकार किशनगंज के चाय बागानों पर ध्यान दे तो यहाँ पर चाय की खेती में चार चाँद लग सकते हैं।
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