BPSC ने विगत 22 दिसंबर को प्रधान शिक्षक (BPSC Head Teacher)के लिए आयोजित कराए जाने वाले लिखित परीक्षा को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है। 22 दिसम्बर को बिहार के 13 जिलों में होनी थी ये परीक्षा
40506 पदों के लिए होने वाली इस प्रधान शिक्षक परीक्षा के लिए विगत अप्रैल-मई में आवेदन मंगाए गए थे। बिहार लोक सेवा आयोग ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट www.bpsc.bih.nic.in पर अधिसूचना जारी कर अपरिहार्य कारणों से इस परीक्षा के स्थगन की सूचना दी है।
BPSC प्रधान शिक्षक (BPSC Head Teacher)परीक्षा की तैयारी हो चुकी थी पूरी
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षकों (BPSC Head Teacher)की भर्ती प्रक्रिया पूरी करने हेतु लिखित परीक्षा आयोजित करने की तैयारी पूर्ण कर ली गई थी । बिहार के 13 जिलों में 22 दिसंबर को परीक्षा आयोजन करने के लिए 212 केंद्र भी बना लिए थे। इसके अलावा आयोग ने अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर 14 दिसम्बर को अधिसूचना जारी कर सभी आवेदकों को प्रवेश पत्र (Admit Card ) डाउनलोड करने के लिए सूचित किया था।
इस अधिसूचना में यह भी बताया गया था कि प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षकों (BPSC Head Teacher)के रिक्त पदों की भर्ती हेतु वस्तुनिष्ट लिखित परीक्षा 22 दिसंबर 2022 को दोपहर 12:00 से 2:00 बजे तक एक पाली में आयोजित कराई जाएगी, लेकिन इस अधिसूचना के जारी होने के 2 दिन बाद ही दिनांक 16 दिसंबर को पटना हाईकोर्ट के आदेश अनुसार इस परीक्षा पर स्टे लगा दिया गया है।
दूसरी बार प्रधान शिक्षक की परीक्षा स्थगित
विदित हो कि इससे पहले भी 18 दिसंबर को इस परीक्षा का आयोजन किया जाना था, किंतु नगरी निकाय चुनाव के कारण परीक्षा तिथि 18 से बढ़ाकर 22 दिसंबर कर दिया गया।
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
इस परीक्षा को पूरा करने के लिए BPSC ने कई बड़ी तैयारी पूर्ण कर ली थी, लेकिन पटना हाई कोर्ट ने एक याचिका पर संज्ञान लेते हुए सरकार को प्रधान शिक्षक भर्ती नियमावली पर फटकार लगाया है। एक याचिकाकर्ता ने 2021 में प्रधान शिक्षक नियमावली की वैधानिकता को कोर्ट में चुनौती दी थी।
इस मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने BPSC से कुछ सवाल किए, जिसके अंतर्गत कोर्ट ने आयोग से पूछा कि 18 अगस्त 2022 को इस परीक्षा से संबंधित जारी नियमावली को कानूनन दर्जा देने के पहले पब्लिक ऑब्जर्वेशन या सजेशन के लिए प्रारूप का प्रकाशन किया गया था कि नहीं । आयोग ने कोर्ट के सवाल का उत्तर “ना” में दिया है। तब कोर्ट द्वारा इस नियमावली को बिना पब्लिक ऑब्जर्वेशन के बेअसर बताया है और आयोग को नए नियमावली बनाकर उसके ऑब्जरवेशन करने हेतु निर्देशित किया गया है।
22 दिसंबर को यदि प्रधान शिक्षक के लिए इस परीक्षा का आयोजन किया जाता, तो अगले सत्र 23-24 में प्रारंभिक स्कूलों में प्रधान शिक्षकों की भर्ती होना संभव था, लेकिन अब नियमावली बदलाव के लिए दिए गए हाई कोर्ट के स्टे आर्डर में कब बहाल होगा, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है।
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