Bihar — the poorest state in India, is also the country’s most backward state. Unemployment in Bihar is a major problem. Know Bihar me Berojgari ke karan. Bihar kyu hai Berojgar? Bimaru rajya Bihar kyu garib hai? Bihar me berojgari ki samasya jaane.
![Students of Bihar have long been demanding jobs. Unemployment is a headache for Bihar.](http://gangatimes.com/wp-content/uploads/2021/04/India-Unemployment-Protest-1024x576.jpg)
‘बिहार!’
इस नाम को सुनकर आपके मन में क्या ख्याल आता है? मैंने ये सवाल अपने कई मित्रों से पूछा है और उनमें से सबसे जाना पहचाना उत्तर रहा है- IAS, गणित में तेज राज्य, वहां के लोग बहुत मेहनती होते हैं, लालू यादव, आदि। अगर आप भी बिहार से बाहर रहते हैं या रह चुके हैं तो संभवतः आप भी इन सभी उत्तरों से रूबरू हो चुके होंगे।
एक पते की बात बताएं आपको? आज की डिजिटल दुनिया की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि यहाँ जो दिखता है ना वो होता नहीं है और जो दिखता है वो होता नहीं। बाहर की दुनिया के मन में ये घुसा दिया गया है की बिहार के लोग तो IAS-IPS बनते हैं। काश की वो कभी जमुई की सडकों (Roads in Jamui) के किनारे भीख माँगते रजुआ के अधमरे परिवार से मिले होते, काश की वो पटना-गया रूट की पैसेंजर ट्रेनों (Patna Gaya passenger Trains) पर गुटका बेचते 6 साल के सोनुआ से मिले होते। अगर वो किशनगंज (Kishanganj) की गलियों में टहले होते तो गनउरा पर से पुराना प्लास्टिक का बोतल उठाते रिंकिया और उसकी दोनों बहिनी का भविष्य आग में झुलसते हुए देख पाते। काश की वो मुज़फ़्फ़रपुर (Muzaffarpur) के खेतों में गाय चरा रहे गफ़ूर चाचा का दुःख जान पाते जिनका बेटा लाखों की फ़ीस वाले इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering College) में पढ़कर भी पिछले दो सालों से घर पर है।
Centre for Monitoring Indian Economy — CMIE report on Unemployment in Bihar
अगर आप भी सोशल मीडिया पर नेताओं के इलाके में बने 2-4 किलोमीटर का चमचमाता सड़क देखकर बिहारी होने पर गर्व करते हैं तो एक बात जान लीजिये की बिहार में बेरोज़गारी की दर भारत के औसत बेरोज़गारी दर से दोगुना और देश में सबसे अधिक है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के रिपोर्ट के अनुसार बिहार में बेरोज़गारी की दर 11.9% है जो भारत के बाकी राज्यों और देश के राष्ट्रीय औसत (7.1%) से काफी अधिक है। पिछले कई वर्षों से हमारा बिहार बेरोज़गारी के मामले में अव्वल आता रहा है। (Bihar me Berojgari sabse jyada)
पिछले साल अक्टूबर में आई CMIE Report on Bihar के अनुसार, लॉकडाउन के बाद बिहार में बेरोज़गारी दर 46 प्रतिशत तक बढ़ गई, जबकि इसी अवधि में भारत का बेरोज़गारी दर मात्र 24 प्रतिशत तक बढ़ा था। बिहार में रहने वाले हर 3 व्यक्ति में से 2 व्यक्तियों के पास नौकरी नहीं है। बेरोज़गारी की यह दर तीनों क्षेत्रों — शिक्षित बेरोज़गारी, संगठित क्षेत्र और असंगठित क्षेत्र में सबसे अधिक है। Every 2 in 3 people in Bihar is unemployed.
![Bihar me Berojgari kitna hai](https://gangatimes.com/wp-content/uploads/2021/04/india-students_020320-073016.jpg)
Bihar me Berojgari kitna hai: Unemployment in Bihar’s Medical and Education sector
एक ऐसा राज्य जहाँ शिक्षकों के ही सिर्फ डेढ़ लाख से अधिक पद खाली हैं, वहां 2014 से शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है। 2014 में भी कई सालों बाद भर्ती निकली थी और वो भी उस साल होने वाले लोकसभा चुनाव और अगले साल के विधानसभा चुनाव में वोट बैंक पर सेंध मारने के चक्कर में। 7 साल हो गए, लेकिन विद्यार्थी अभी तक भर्ती प्रक्रिया पूरी होने का इंतज़ार कर रहे हैं। No teacher recruitment in Bihar since 2014.
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (National Rural Health Mission) के आंकड़ों के अनुसार बिहार में 90 प्रतिशत से भी अधिक की संख्या में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की कमी है। राज्य में करीब 8000 डॉक्टरों, एक लाख 38 हजार नर्सों और 1500 से अधिक फॉर्मासिस्टों की कमी है। भारतीय चिकित्सक संघ (Indian Medical Association) की माने तो बिहार के अस्पतालों में प्रति एक लाख लोगों पर सिर्फ 26 बेड हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह संख्या 138 है।
Problem of Migrant labourers and Unemployment in Bihar’s Police System
![Thousands of migrant labourers returning home, last year, during the Covid 19 lockdown in India shows a major problem of Unemployment in Bihar.](http://gangatimes.com/wp-content/uploads/2021/04/migrants-pti-140570505-1589658593-1-1024x680.jpg)
हमारे बिहार के बहुत लोग पुलिस में जाना चाहते हैं। तो सुन लीजिये, पुलिस विभाग की भी यही कहानी है। करीब 55 हजार पद खाली हैं और जो संख्या देश भर में प्रति एक लाख व्यक्तियों पर 151 की है, वो बिहार में मात्र 77 है। शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है की बिहार में 2 लाख 75 हजार से भी अधिक शिक्षकों की कमी है। अगर ये सभी रिक्त पद भी भरे जाते हैं तो कुछ हद तक बेरोज़गारी (Berojgari) कम होगी।
पिछले साल जब देश भर में कोरोना के कारण लॉकडाउन (Covid 19 lockdown in India) लगा था, हमारा बिहार प्रवासी मजदूरों के लौटने के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे बड़ा राज्य था। जनसंख्या के अनुपात में देखा जाए, तो यह संख्या भी देश में सबसे अधिक है। खैर ये सब छोड़ दीजिये क्योंकि बिहार में बेरोज़गारी पता करने के लिए आपको आँकड़ों की जरूरत नहीं है। बस एक दफ़ा किसी गांव की गलियों से गुजर जाइये, सैंकड़ों ग्रेजुएट, बीटेक, MBA और मेट्रिक फेल मक्खी मारते हुए दिख जाएंगे।
Bihar me berojgari ke samadhan: How to solve the problem of Unemployment in Bihar?
अब जब इतना बड़ा बीमारी है तो इसका इलाज भी तो जरूरी है ना। लेकिन दिक्कत पता है क्या है? हमारे यहाँ के युवा बीमारों को ठीक ही नहीं होना है, या तो यूँ कहें की उन्हें सही डॉक्टर के पास नहीं जाना है। अगर वो बीमारी ठीक करना चाहते तो चुनाव में किसी उम्मीदवार को सिर्फ इसलिए वोट ना देते क्योंकि वो उनकी जाति का है, नकली राष्ट्रवाद (Fake Nationalism) और धर्म के ठेकेदारों को सत्ता के गलियारों पर राज न करने देते। ट्विटर-फेसबुक पर एक दूसरे को जाति-धर्म के नाम पे गरियाते नहीं फिरते। बुरा लग रहा होगा ना खुद को आईने में देखकर? लेकिन क्या करियेगा सच्चाई का एक उसूल है, जब वो दस्तक देता है ना तो कड़वाहट की गोली अपने साथ लाता है।
![Building infrastructure could be the best way to remove berojgari in Bihar](https://gangatimes.com/wp-content/uploads/2021/04/unnamed-2.png)
Need to boost infrastructure of Bihar: Metro Rail, Road Construction, Real Estate, etc to solve Bihar unemployment problem
याद है मैंने कुछ देर पहले कहा था कि सभी रिक्त सरकारी पद भरे जाने कि बाद भी बेरोज़गारी कुछ हद तक ही कम होगी, माने, तब भी राज्य के आधे युवा बेरोजगार ही रहेंगे। तो उपाय क्या है? अगर हमें सच में बेरोज़गारी दूर करनी है तो निजी क्षेत्रों में रोजगार की संभावनायें तलाशनी होंगी, प्राइवेट कंपनियों को राज्य में आमंत्रित करना होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे मेट्रो रेल, रियल स्टेट, रोड कंस्ट्रक्शन आदि पर ध्यान देना होगा ताकि अशिक्षित और असंगठित क्षेत्रों में भी बेरोज़गारी दूर की जा सके। क्षेत्रीय और लोकल उद्यमों (Regional and Local Industries in Bihar) को बढ़ावा देना होगा ताकि पलायन रोका जा सके और जब भविष्य में फिर कभी लॉकडाउन लगे तो हमें बेइज्जत होकर अपनी माँ बहनों साथ हजारों किलोमीटर पैदल चलकर ना भागना पड़े।
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