Eid ul-Fitr one of the biggest festivals in the world. It is celebrated on the first day of Shawwal month after the end of Ramzan. Know Eid kyu manaya jata hai and the history of Eid ul-fitr. Also, know about the Battle of Badr and the story associated with Prophet Muhammad’s Madina visit.
The Ganga Times, Eid Mubarak: प्रेम और भाईचारे का त्यौहार, ईद उल-फ़ित्र (Eid al fitr) दुनिया भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर का नौंवा महीना, रमजान (Ramzan) के ख़त्म होते ही चाँद रात के अगले दिन ईद होता है। दसवां महीना शव्वाल (Shawwal) चांद देखने के साथ ही शुरू होता है। जब तक चांद नहीं दिखे तब तक रमजान का महीना खत्म नहीं माना जाता। इस्लामिक इतिहासकार (Islamic Scholars) ये भी मानते हैं कि आज के दिन ही पैगंबर हजरत मुहम्मद मक्का शहर से मदीना के सफर पर निकले थे। (Prophet Muhammad tour to Madina)
Eid kyu manaya jata hai? Why is Eid al fitr celebrated?
कहानी कुछ ऐसी है कि बद्र की लड़ाई (Battle of Badr) में जीत हासिल करने के बाद पैगंबर मोहम्मद पवित्र शहर मदीना कि ओर निकल पड़े। मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ। इस जीत की खुशी में मिठाइयां बांटी गई थी, मुँह मीठा करवाया गया था, इसीलिए ईद उल-फ़ित्र को मीठी ईद भी कहा जाता है। इस्लामिक विद्वान मानते हैं कि करीब 1400 साल पहले ईद पर्व कि शुरुआत हुई थी। इस्लामिक कैलेंडर के हिजरी संवत 2 यानी 624 ईस्वी में पहली बार ईद-उल-फितर मनाया गया था। अल्लाह ने पवित्र ग्रन्थ कुरान में उत्सव मनाने के लिए 2 दिन निश्चित किये हैं — ईद उल-फितर और ईद-उल-जुहा (Eid ul fitr and Eid ul juha)।
Eid kyu manaya jata hai: What is Zakat al-Fitr?
ईद का त्योहार सद्भावना और बराबरी का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग बिना किसी द्वेष के, अमीर गरीब, ऊँच नीच की चिंता किये बिना एक दूसरे को गले लगाते हैं। कुरान (Holy Quran) में बताया गया है कि ज़कात (Zakat al–Fitr) यानी ‘दान करना’ सभी मनुष्यों का फर्ज है। ये दान गरीबों को दिया जाता है। परंपरागत रूप से ज़कात ईद की नमाज़ पर जाने से पहले दिया जाता है। कई लोग तो अपनी सालाना बचत का एक हिस्सा गरीब या जरूरतमंदों को दान कर देते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से दान करने वालों कि संपत्ति पवित्र हो जाती है।
ईद हर साल आता है और खुशियां बाँट कर चला जाता है। आप अपने हिस्से कि ख़ुशी दूसरों को दें। ज़कात के रूप में कुछ नहीं तो दूसरों के चेहरे पर एक मुस्कान ही ला दीजिये। चुकी देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है, आप अपने हिस्से का कर्तव्य ज़रूर पूरा करें। अनावश्यक बाहर न निकले। ईद घर पर ही मनाएं। खूब खीर खाएं और जरूरतमंदों को भी खिलाएं। (Celebrate Eid at Home)
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