Tuesday, October 15
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लाश के लिए सरकारी अस्पताल (Hospital) ने मांगे ₹50 हजार, गरीब बाप पैसे के लिए मांग रहा भीख

जवान बेटे की मौत से आहत पिता अब तड़प रहा उसके लाश लेने के लिए, अस्पताल (Hospital) वाले मांग रहे पोस्टमार्टम के ₹50 हज़ार रूपये  

Hospital के लिए भीख मांगते पिता
Hospital के लिए भीख मांगते पिता

इंसानियत एक बार फिर हुई शर्मसार, किसी का जवान बेटा अचानक ही इस दुनिया से चला जाये और उसके दर्द को समझें बिना उसके पीड़ा और बढ़ाने वाले लोगों की इस दुनिया में कमी नहीं है।  एक गरीब मां-बाप, जिसने अपने जवान बेटे को खो दिया हो, इससे बड़ा दुख उनके लिए और क्या हो सकती है और अब उसके बेटे लाश को भी अंतिम विदाई के लिए उन्हें नहीं दिया जा रहा है, तो ना जाने क्या बीत रही होगी, उन बदनसीब गरीब माँ बाप पर। 

बिहार के समस्तीपुर से ऐसी ही एक घटना सामने आई है, जिसमे लाश को उनके माँ बाप को सौपने के बदले पैसों की मांग की गई है और कोई छोटी राशि नहीं बल्कि पूरे ₹50 हज़ार की मांग एक गरीब माँ बाप से सरकारी अस्पताल (hospital) के द्वारा की गई है। ऐसी अमानवीय घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। 

 बताया जा रहा है कि माता-पिता से उसके जवान बेटे के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए ₹50 हज़ार की मांग पोस्टमार्टम कर्मी के द्वारा किया है और पैसे नहीं दिए जाने की स्थिति में शव को देने से इंकार कर दिया है। गरीब माँ बाप इतने सक्षम नहीं है कि वो इतनी बड़ी राशि का इंतज़ाम आसानी से कर पाये। बेटे को आखिरी विदाई अच्छे से देने की चाह में गरीब मां-बाप लोगों के घरों में घूम-घूम कर पैसे मांग कर इकट्ठा कर रहे हैं। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला समस्तीपुर के थाना ताजपुर क्षेत्र अंतर्गत आने वाली बिहार कस्बा के आहार गांव का है। महेश ठाकुर का 25 वर्षीय बेटा गांव से कुछ दिनों पहले ही लापता हो गया था। उसके परिजनों ने अपने स्तर पर बहुत खोजबीन की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया,  फिर उन्होंने अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करा दी। विगत 07 जून को महेश ठाकुर को यह जानकारी मिली कि पुलिस ने एक अज्ञात युवक का शव बरामद किया है । परिजनो को पुलिस के द्वारा बताया गया कि लाश का पोस्टमार्टम करने के लिए शव को सदर अस्पताल (hospital) भेज दिया गया है ।

परिजन सदर अस्पताल (hospital) में पहुंचे तो, वहां पोस्टमार्टम कर्मी नें शव को दिखाने से टालमटोल करता रहा।  अंततः बहुत निवेदन करने के बाद उसने परिजनों को शव  दिखाया , शव को देखते ही महेश ठाकुर ने अपने बेटे संजीय ठाकुर के रूप में शिनाख्त कर लिया। मृतक के घर वालों ने शव को घर ले जाने की मांग की  तो पोस्टमार्टम कर्मी नें उन्हें शव देने से इंकार कर दिया और शव को सौंपने के बदले में उसने ₹50 हज़ार की राशि की मांग की। मजबूर मां-बाप अपने बेटे के शव को घर ले जाने के लिए लोगों के घूम-घूम कर पैसा इकठ्टा कर रहे हैं, ताकि   इकट्ठा किये राशि को पोस्टमार्टम कर्मी को दे सके। यह घटना अब पूरे गाॅव में आग की तरह फैल गयी है। 

जिम्मेदार अधिकारियों से इस बारे में पूछने पर अस्पताल (hospital) के सिविल सर्जन डॉ एस .के .चौधरी ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी नही हैं। उन्हें ये जानकारी मीडिया के माध्यम से मिल रही है। उन्होंने कहा मामला बहुत ही गंभीर हैं। इसने मानवता को चोट पहुँचाया है। इसलिए इस पर सख्ती से जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

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