राजगीर शहर में इतने पर्यटन स्थल है, यदि आप पूरा पर्यटन स्थल देखना चाहे तो शायद आपकी छुट्टियां भी कम पड़ जाए, इसलिए इस लेख में हम आपको राजगीर के उन पांच बेहतरीन स्थल (Rajgir me ghumne ki jagah) के बारे में बता रहे हैं, जहां की सैर करने के बाद आपको राजगीर से लौटते समय काफ़ी आनंद महसूस होगा।
प्राचीन काल से ही मगध राज्य यानी बिहार राजा- महाराजाओं के साथ-साथ अन्य पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। शांति का प्रतीक राजगीर शहर बौद्ध धर्म, जैन धर्म के साधना भूमि होने के साथ – साथ हिंदू धर्म की आस्था का स्थल है। इसके खूबसूरत वादियों में घने जंगल, रहस्यमयी गुफाएं, मनभावन पहाड़िया, सुंदर पार्क, चिड़ियाघर, प्राचीनकाल के शिलालेख का आनंद लिया जा सकता है। यदि आप भी घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो एक बार बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर शहर की सैर जरूर कीजिए। राजगीर शहर की खूबसूरती का नजारा देख कर आपको इस शहर से वापस लौटने का मन नहीं होगा।
आइए जानते हैं राजगीर के उन 5 बेहतरीन पर्यटक स्थलों के बारे में (5 Places To Visit In Rajgir me ghumne ki jagah) –
1. नेचर सफारी राजगीर (Nature Safari Rajgir)
राजगीर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण अंचल है। यहां के नेचर सफारी में पर्यटक देश के सौम्य दर्शन के साथ-साथ विदेशों जैसा नजारा भी देख सकते हैं। यह एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट है। यही पर पूर्वोत्तर भारत का पहला ग्लास (Glass bridge) का स्काईवॉक ब्रिज यानि सम्पूर्ण रूप से शीशे से निर्मित ब्रिज़ का आनंद लिया जा सकता है, जो चीन के हांगकांग इलाके में निर्मित 120 मीटर ऊंचाई पर बने ग्लास ब्रिज के तर्ज पर बनाया गया है चूंकि ग्लास स्काईवॉक (Glass skywalk) पूर्ण रूप से शीशे से निर्मित है। इसलिए इसके निर्माण के दौरान विशेष सुरक्षा का ध्यान रखा गया है।
साथ ही स्काईवॉक एक साथ कितने लोग जा सकते है, इसकी संख्या भी सीमित रखी गई है। ग्लास स्काईवॉक का आनंद लेने के लिए नेचर सफारी के टिकट के अलावा अतिरिक्त टिकट लेना होगा। ग्लास ब्रिज़ (glass bridge Rajgir ticket price) का प्रति व्यक्ति टिकट ₹125 है। यहां एक सस्पेंशन ब्रिज (suspension bridge Rajgir ) का भी निर्माण किया गया है। नेचर सफारी में आने वाले पर्यटक इन दोनों ब्रिज का लुफ्त ले सकते हैं। इसके अलावा नेचर सफारी में ज़िप लाइन साइकिल, एडवेंचर पार्क, तितली जोन और कई प्राकृतिक शिविर क्षेत्र भी हैं।
2. राजगीर कुंड (Rajgir Kund)
यह एक गर्म पानी का कुंड है। (hot water spring). जहां हर वर्ष मकर सक्रांति के दौरान स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है। साथ ही सर्दियों में इस कुंड का आनंद ही कुछ और है। इस राजगीर कुंड में गर्म पानी के कुल 22 कुंड और 52 धाराएं हैं। जिसका नाम अलग-अलग ऋषि-मुनियों और नदियों के नाम पर रखा गया है।
इसके पीछे मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा के मानसपुत्र बसु के यज्ञ के दौरान देवी-देवताओं का एक कुंड में स्नान करना संभव नहीं था। तब ब्रह्मा ने देवी और देवताओं के लिए अलग-अलग 22 कुंड का निर्माण कराया। तब से इस कुंड में सप्तपर्णी गुफाओं से गर्म पानी आता है, जिसका तापमान सदा 45°C ही रहता है।
3. राजगीर जू सफारी (Rajgir Zoo Safari )
राजगीर में पर्यटकों (tourist places in Rajgir) को आकर्षित करने के लिए नेचर सफारी के बाद फरवरी 2022 में राजगीर जू सफारी (Rajgir Zoo Safari) का द्वार भी आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। 177 करोड़ के बजट से निर्मित इस ज़ू सफारी में फिलहाल 5 तरह के जानवरों में बाघ,शेर, भालू, तेंदुआ और हिरण शामिल है। वर्तमान में केवल एक जोड़ा शेर है, जिसे गुजरात के जूनागढ़ से लाया गया है। वही बाघ का भी एक ही जोड़ा है, जिसे बंगाल से लाया गया है। यहां जानवरों के लिए विशेष नाईट हाउस की व्यवस्था भी की गई है, जहां जानवरों की खानपान का इंतजाम किया जाता है।
यहां पर्यटको को एक वैन या बस में बिठा कर सफारी का सैर कराया जाता है। पर्यटकों को इस ज़ू सफारी की सैर करने के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा www.rajgirzoosafari.in पर दी गई है। मात्र ₹250 प्रति व्यक्ति टिकट से 1 से 1.5 घंटे तक ज़ू सफारी का लुफ्त ले सकते हैं। यहाँ पूरी तरह से जंगल का माहौल बनाया गया है, जिससे वन्यजीव जंगल की तरह घूमते-फिरते दिखाई देते हैं। पर्यटक पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ जानवरों के काफी करीब जाकर उन्हें प्राकृतिक परिवेश में देख सकते हैं।
4. शांति स्तूप राजगीर(Shanti Stupa Rajgir)
राजगीर में रत्नगिरी पर्वत पर स्थित विश्व शांति स्तूप (Shanti Stupa Rajgir) का दृश्य भी काफी मनोरम है। यहां आने पर पर्यटक को आत्मिक शांति और देवी शक्तियों का एहसास होता है। विश्व शांति के प्रतीक गौतम बुद्ध के 2600 जयंती पर शांति स्तूप का निर्माण 1978 कराया गया, क्योंकि यहां बुद्ध ने विश्व को शांति का उपदेश दिया था।
इस स्तूप के डिजाइन भी काफी अद्भुत है, इसका गुंबद ही 72 फुट ऊंचा है। जिसमे भगवान बुद्ध के चार सुनहरी प्रतिमा के चारों ओर लगाई गई है, जो इस सफेद संगमरमर से बनी स्तूप की खूबसूरती में चार चांद लगा रही है। राजगीर आने पर शांति स्तूप में आकर पर्यटकों को शांति का अनुभव जरूर करना चाहिए।
5. घोड़ा कटोरा झील राजगीर (Ghora Katora Jheel Rajgir)
घोड़ा कटोरा (Ghora Katora) झील एक मीठे पानी की झील है, जो राजगीर के पास स्थित एक प्राकृतिक मनोरमणीय स्थल है। महाभारत के राजा जरासंध का घुड़साल होने के कारण इस स्थल का नाम घोड़ा कटोरा पड़ गया। बहुत ही छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत करता है। पहाड़ियों के बीच होने के कारण मुख्य स्थल से यहां तक केवल पैदल या टमटम यानि घोड़ा गाड़ी से ही पहुंचा जा सकता है।
घोड़ा गाड़ी से घोड़ा कटोरा झील तक का सफर आपको अंदर काफी रोमांचित कर और भावविभोर कर देगा। यह प्राकृतिक सौम्यता का अंदाजा पक्षी और जलीय जीवो को देखकर लगाया जा सकता है। झील के बीच महात्मा बुद्ध की विशाल प्रतिमा भी लोगों का आकर्षण का केंद्र है। यहां पर्यटकों के लिए बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
नालंदा जिले का यह राजगीर शहर, एक ऐसा शहर है, जहां पर्यटक ऐतिहासिक,धार्मिक और प्राकृतिक सभी का आनंद एक ही स्थल पर कर सकते हैं। इस लेख में हमने राजगीर के उन 5 बेहतरीन स्थलों के बारे में विस्तार से बताया है, जहां पर पर्यटकों को विशेषकर जाना चाहिए।
राजगीर में इन स्थलों के अलावा भी अन्य कई घूमने (Rajgir me ghumne ki jagah) वाले स्थल है जैसे कि विरायतन संग्रहालय – यहां 24 जैन तीर्थकरों की पूर्ण जानकारी मिलती है, सोन भंडार (Son Bhandar Caves)- राजा बिंबिसार खजाना का केंद्र है, कुंडलपुर (Jain mandir, kundalpur)- महावीर की जन्मस्थली, महावीर की विशाल प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है, पाण्डु पोखर – प्राकृतिक पार्क है।
राजगीर में पर्यटकों को आने के लिए अच्छा समय अक्टूबर से मार्च का महीना है। यहां आने के लिए भारत के अधिकतर क्षेत्रों ट्रेन की सीधे तौर पर सुविधा उपलब्ध है। साथ ही निकट क्षेत्रों से बस और टैक्सी की सुविधा बहुत है।फ्लाइट से आने के लिए पटना एयरपोर्ट के बाद टैक्सी या बस से राजगीर पहुंच सकते हैं। अगर आप घूमने के शौकीन है तो एक बार राजगीर की सैर जरूर कीजिये, सच मानिये आपको आंनद आ जायेगा।
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