गोरखालैंड आंदोलन के खुनी इतिहास दोहराने की साजिश? Gorkhaland Andolan kya hai
46 साल के अमीश पांडा दार्जिलिंग (Darjeeling) में फलों की दुकान चलाते हैं। उन्होंने अपनी जवानी राजनीतिक उथलपुथल और हिंसा के बीच बिताया है। अमीश कहते हैं कि जिस तरह का उत्पात हमने 80 और 90 के दशक में देखा था वो पिछले कई वर्षों से शांत था। लेकिन उन गड़े मुर्दों को फिर से उखाड़कर हम शायद एक और बार उसी दौर की ओर कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं।
हम यहाँ जिस दौर का जिक्र कर रहे हैं वो गोरखालैंड आंदोलन (Gorkhaland Andolan) से जुड़ा हुआ है। इस आंदोलन की आग में अमीश के जैसे ही न जाने कितने नौजवानों की जिंदगी तबाह हो गई थी। अब आप सोच रहे होंगे कि वर्षों पहले मरा हुआ ये आंदोलन आज फिर से खबरों में क्यों है? क्योंकि पश्चिम बंगाल से भारतीय जनता पार्टी के दो सांसदों ने उत्तरी बंगाल (North Bengal) को अलग राज्य बनाने की मांग फिर से छेड़ दी है। माना जा रहा है कि ऐसे मांगों को हवा देने से बंगाल में अलगा...