Ex- Army Serviceman on Sunday inaugurated the Mashoor Champaran Handi Mutton in Lucknow near Nagram road, Shaheed Path.
लखनऊ. डिप्टी गंज,शहीद पथ स्थित नगराम रोड के निकट रविवार को मशहूर चंपारण हांडी मटन रेस्टोरेंट(Mashoor Champaran Handi Mutton) का किसी नेता या बॉलीवुड स्टार से फीता कटाकर नहीं बल्कि बीस-पच्चीस सेवानिवृत्त सैनिकों को ल़जीज भोजन कराकर शुभारम्भ किया गया। लजीज भोजन खाने के बाद वृद्ध सेवानिवृत सैनिकों के चेहरे पर प्रसन्नता के स्पष्ट भाव दिख रहे थे।रेस्टोरेंट मालिक मोहम्मद कौसर खान ने बताया कि हमने आसपास के सभी रेस्टोरेंट से रेट काफी कम रखें हैं और तय किया है कि चाहे जो हो जाए हम चंपारण की हांडी मटन वाली संस्कृति और खाने की क्वालिटी से समझौता नहीं करेंगे। हालांकि अभी पहले चरण में पच्चीस लोगो के बैठ कर खाने की व्यवस्था हैं, रेस्टोरेंट मालिक का कहना है कि आगे चलकर चंपारण मसालों से बना वेज खाना अलग बैठ खाने की व्यवस्था हो जाएगी ताकि शुद्ध शाकाहारी लोगो को भी कोई दिक्कत ना हो।
चंपारण का ही हांडी मटन क्यों?
वहाँ पर खाना बना रहे एक शख्स से हमने पूछा कि आखिर चंपारण के हांडी पकवान में इतना क्या खास हैं? उन्होने हमें बताया कि चंपारण मटन जिसे आहुना, हांडी मीट या बटलोई के नाम से भी जाना जाता है। इस भोजन की शुरूआत बिहार के जिले चंपारण से ही हुई थी।
चंपारण मटन बनाने की क्या विधि हैं?
आगे उनसे हमने इसे बनाने की विधि पूछी तो उन्होने हमें बताया कि इसको बनाने के लिए सबसे पहले म़टन को घी,सरसों के तेल,लहसुन,अदरक और मसालों के पेस्ट के साथ मिलाया जाता है।इसके बाद हांडी के मुंह को गूंथे हुए आटे से बंद कर दिया जाता है।इसे आग की धीमी आंच पर धीरे-धीरे पकाया जाता है। स्वाद और खाना पकाने का समय मांस की गुणवत्ता पर निर्भर करता हैं।
यह रेस्टोरेंट( Mashoor Champaran Handi Mutton) सोमवार 11 बजे से सभी के लिए खुल जाएगा और इसी के साथ निलमथा-अवध विहार योजना के स्थानीय लोगों को बेहतरीन भोजन-व्यंजन का लुत्फ उठाने के लिए कही दूर जाना भी नहीं पड़ेगा। रेस्टोरेंट के संचालक मोहम्मद कौसर और उनके भाई मोहम्मद अफ़सार ने शहर वासियों से एक बार सेवा का अवसर देने की अपील की है।
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