The Big Bull movie review: In comparison to Scam 1992, The Big Bull comes as Bollywoodisation of the Hansal Mehta series. There is a fine line between The Big Bull and Scam 1992. Abhishek A Bachchan’s acting overpowers others in the film, despite the fact that everyone has been fine with their roles.
निर्देशक: कूकी गुलाटी
पटकथा: कूकी गुलाटी, अर्जुन धवन
संवाद: रितेश शाह
सिनेमेटोग्राफी: विष्णु शाह
एडिटर: धर्मेंद्र शर्मा
कलाकार: अभिषेक ए बच्चन, इलियाना डी क्रूज़, सौरभ शुक्ला, राम कपूर, महेश मांजरेकर, सोहम शाह, समीर सोनी और निकिता दत्ता
स्ट्रीमिंग: डिज़नी हॉटस्टार प्लस (Disney + Hotstar)
आठ अप्रैल यानी की गुरुवार को हॉटस्टार पर एक नई फ़िल्म अपलोड हुई है, द बिग बुल। वैसे तो यह फ़िल्म बड़े पर्दे पर रिलीज होने वाली थी मगर महामारी के चलते इसे भी छोटी स्क्रीन ही नसीब हो पाई। फ़िल्म निर्माताओं का कहना है कि इसकी कहानी सच्ची घटना से प्रेरित ज़रूर है मगर उस पर आधारित नहीं।
क्या है फ़िल्म की कहानी? The story of The Big Bull
पिछले साल हंसल मेहता द्वारा निर्देशित एक सीरीज आई SCAM 1992, जो हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित थी। द बिग बुल उसी स्कैमस्टर हर्षद मेहता की कहानी से प्रेरित हैं। इस कहानी में बस नाम बदल दिए गए बाकी कहानी SCAM 1992 जैसे हर्षद मेहता की जीवनी के आस पास चलती हैं।
फिल्म में एक मिडिल क्लास गुजराती आदमी है हेमंत शाह, जिसे धीरे चलना नहीं आता और जिसके जीवन का एक मात्र मकसद है ‘कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाना’। बाकी हेमंत शाह की इस कहानी में और किरदार भी है जो उसके मिडिल क्लास वाले हालात के साथ-साथ चलते हैं।
Scam 1992 इतनी बड़ी हिट थी कि मुझे इस फ़िल्म की कहानी पूरी बताने का मन नहीं क्योंकि मैं जानता हूँ कि आप हर्षद मेहता के जीवन से अब तक तो अवगत हो ही गए होंगे। सबको पता ही हैं कि हर्षद मेहता यानी द बिग बुल का अंत कैसे हुआ था तो इस फ़िल्म का अंत भी बिल्कुल वैसे ही हुआ है। बस इस बार हर्षद मेहता की कहानी से प्रेरित होकर कूकी गुलाटी का यह एक अलग टेक हैं और इस टेक को समझने के लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी।
How are The Big Bull and Scam 1992 different?
पता हैं इस फ़िल्म की बदकिस्मती क्या हैं? यही कि इस फ़िल्म के ट्रेलर रिलीज के बाद से ही इसकी तुलना SCAM1992 से होने लगी थी। मैं आपको बता दूँ कि यह फिल्म SCAM 1992 के पास ज़रूर है मगर उसके जैसी नहीं है। द बिग बुल ढाई घंटे की फ़िल्म है जिसमे आपको क्राइम, मेलोड्रामा और गाना तीनों मिलेगा,वही SCAM 1992 10 घंटे की एक डॉक्यूमेंट्री टाइप सीरीज थी। द बिग बुल में आपको स्टॉक के टेक्निकल टर्म्स कम सुनने को मिलेंगे और यही चीज़ इसको थोड़ा कम बोरिंग बनाती हैं।
अदाकारों के अदाकारी की बात
इस फ़िल्म को लिखा इस तरीके से गया है कि ना चाहते हुए भी इसमें One Villain One Hero वाला कांसेप्ट क्रिएट हो जाता है। इस फ़िल्म के हीरो और विलन दोनों ही अभिषेक बच्चन है। हालांकि इस फ़िल्म में इलियाना डी क्रूज़, सौरभ शुक्ला, राम कपूर, महेश मांजरेकर, सोहम शाह, समीर सोनी और निकिता दत्ता जैसे कई अच्छे अदाकार मौजूद हैं मगर उनकी अदाकारी अभिषेक बच्चन के पीछे कही धुंधली सी हो जाती है। यह वो फ़िल्म हैं जहाँ अभिषेक डॉयलाग डिलीवरी के साथ साथ अपनी आँखों और अपनी चाल से भी आपको प्रभावित करते हैं। फ़िल्म देखते वक़्त कई दफा ‘गुरु’ के अभिषेक बच्चन याद आते है।
Overall Movie Review: Why The Big Bull and Scam 1992 are being compared?
हम अब ओवरऑल फ़िल्म की बात करें तो पटकथा इसके मुख्य किरदार से एक दम पलट नज़र आती है। इस फ़िल्म के मुख्य किरदार को धीरे चलने की आदत नहीं है मगर फ़िल्म देखते वक़्त आपको ऐसा लगेगा कि शायद फ़िल्म को धीरे चलने में बड़ा मज़ा आता है। फ़िल्म के संवाद रितेश शाह ने लिखें है जो कि कुछ कुछ जगह छाप छोड़ते है मगर ओवरऑल ऐसे बहुत कम संवाद है जो आपको फ़िल्म के बाद याद रह जाए।
बाकी इसकी तुलना SCAM 1992 से तो हो ही रही है इसीलिए आपको एक बात और बता है जो इस फ़िल्म को SCAM 1992 सीरीज से अलग बनाती है। वो बात है अजेय नागर उर्फ कैर्री मिनाती का कैची रैप, “एक कहानी है जो सबको सुनानी है”। यह रैप जब जब बैकग्राउंड में बजता है तब तब कहानी थोड़ी बूस्ट कर देती है मन को।
अंत में मेरी टिप यही है कि इस फ़िल्म को कहानी के लिए कम बल्कि अभिषेक बच्चन की अदाकारी के लिए ज़रूर देखी जानी चाहिए।
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