Sunday, December 22
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Opinion

Why Netizens are Obsessed With Bollywood Actress Nude Photos, Videos?

Why Netizens are Obsessed With Bollywood Actress Nude Photos, Videos?

Entertainment, Opinion
False information, photos, and videos of Indian actresses are being circulated on p*rn websites. In this article, we'll uncover why 'Bollywood actress nudes, Indian actress xxx', 'Namitha nude', 'Shraddha Arya xxx', etc. are among top searches on various search engines. Why Netizens are Obsessed With Bollywood Actress Nude Photos, Videos? Web search engines like Google, Yahoo, Bing, etc. are the favorite sources of information in the modern world. For the 21st-century youth, everything they need is available on the internet. Google Chacha is ready to answer all of their queries. However, what has happened in India is a large section of internet users use these social platforms for stupid ideas. Morphed nude photos and videos of Bollywood actresses, Tamil actresses, Telugu heroines, ...
Love, Lips and Life: Ridhi Jain Quotes

Love, Lips and Life: Ridhi Jain Quotes

Poetry and Shayari
There is nothing in the world without love, they say. Let's feel the wind of love with Ridhi Jain quotes. "Your presence in my life is like a cold evening breeze, making you feel good for seconds and leaving you with a chill spine." "Your lips taste sweeter than chocolates, and I want to relish every bit of it." "Make her feel loved more than you say I love You." Keep visiting The Ganga Times for Bihar News, Madhya Pradesh News, India News, and World News. Follow us on Facebook, Twitter, and Instagram for regular updates.
रिद्धि रचना: कलम और मोहब्बत की लकीर

रिद्धि रचना: कलम और मोहब्बत की लकीर

Poetry and Shayari, Opinion
The Ganga Times, Ridhi Rachna Shayari: Ridhi Jain is an aspiring content creator from Delhi. She is interested in writing about life, society, love, optimism, and issues that touches one's heart. यह कलम भी कभी-कभी बागी हो जाती है,मैं कहना कुछ चाहती हूँ, ये बयां कुछ करती है। Yah kalam bhi kabhi kabhi baaghi ho jaati hai,main kahna kuchh chhahti hoon, ye bayan kuchh karti hai. यूँ तो कई लकीरें है मेरे हाथों मेंपर वो एक तुम्हारे नाम की लकीर सबसे गहरी है। yoon toh kai lakeerein hai mere haathon me,par woh ek tumhare naam ki lakeer sabse gahri hai. # अगर आपके पास भी कोई कहानियां या ब्लॉग है तो हमें भेज सकते हैं। हम उसे ‘गंगा टाइम्स’ पर प्रकाशित करेंगे। Keep visiting The Ganga Times for Bihar News, India News, and World News. Follow us on Facebook,...
दो बार विश्वकप विजेता; लेकिन स्टेडियम नेता जी के नाम पर: Narendra Modi Stadium

दो बार विश्वकप विजेता; लेकिन स्टेडियम नेता जी के नाम पर: Narendra Modi Stadium

Latest News, Opinion
Narendra Modi Stadium: India is a two-time world champion in Cricket and there is not a single stadium named after cricketers. Every other stadium is named after some politicians, from Indira Gandhi to Narendra Modi. In fact, the biggest sports award is named after Rajiv Gandhi. Courtesy: ThePrint The Ganga Times, Narendra Modi Stadium: क्या विडम्बना है इस देश की। नेता बिजनेस कर रहा है, प्रधानमंत्री के नाम से स्टेडियम बन रहा है, बिजनेसमैन सरकार चला रहा है, खिलाड़ी नेतागिरी कर रहा है, विदेशी अभिनेता देशभक्ति का चुना लगा रहा है, और बेरोजगार युवा थाली-ताली पीट रहा है। हम हर साल ये ढिंढोरा पीटते है कि हमारे देश के खिलाडियों ने यहाँ झंडे गाड़ दिए, वो फतह कर लिया, फलाने देश में अपना नाम रोशन कर दिया। लेकिन जब बात उनको सम्मान देने कि आती है तो हमारे नेता आगे आकर उनका मटियामेट कर देते हैं।...
हमारे, आपके सबके गाँधी

हमारे, आपके सबके गाँधी

Latest News, Opinion
गांधी जी अपने समकालीन राष्ट्रवादियों से बिल्कुल भिन्न थे। वो हमेशा ज़मीन से जुड़ कर मुद्दों पर बात करते थे। कहने को तो 30 जनवरी का दिन भी बाकी दिनों की तरह ही है। लेकिन ये दिन भारत के इतिहास की सबसे शर्मनाक और दुखद तारीख के रूप में याद किया जाता है। आज ही के दिन हमारे पूज्य बापू को हत्यारे गोडसे ने हमसे छीन लिया था। आज राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि को हम शहीद दिवस के रूप में मनाकर, उनके अहिंसावादी और राष्ट्रप्रेम के विचारों को याद करते हैं। ‌महात्मा गांधी का पूरा नाम 'मोहनदास करमचंद गांधी' था। लोग उन्हें प्यार से बापू बुलाते थे। गांधी जी की आरंभिक शिक्षा गुजरात में संपन्न हुई। प्रारंभिक शिक्षा राजकोट से पूरा करने के उपरांत गाँधी जी वकालत की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए। 1893 से 1914 तक वो दक्षिण अफ़्रीका में रहे जहाँ उन्होंने अपने राजनीतिक विचारों, नैतिकता और राजनीति को विकसित किया। 1915 ...
अब सारे मुद्दे भुला दिए जाएँगे: Farmers Protest

अब सारे मुद्दे भुला दिए जाएँगे: Farmers Protest

Latest News, Opinion
The writer portrays a sorry picture of India's democracy. How the Nishan Sahib incident during the Farmers Protest in Delhi will be used to crush the voice of common citizens. How India's major problems like poor economy, poverty, farmers' dissatisfaction, etc. will be covered under the farmers protest and Kisan Tractor rally violence. अब सारे मुद्दे भुला दिए जाएँगे।भुला दिए जाएंगे कि किस तरह संविधान की कसम खाने वालों ने ही संविधान का चीर-हरण किया।भुला दिए जाएंगे वो सारे असंवैधानिक कृत्य जो सत्ता की भूखी सरकार करते आ रही है।भुला दिए जाएंगे वो सारे दर्द, वो जख्म जो हमें दिए हैं इन सत्ताधारी हवसियों ने।धो दिए जाएंगे वो सारे दाग जिसने भारत माँ की पवित्र आवरण को मैला किया है। भूल जाएंगे किस कदर संवैधानिक प्रक्रिया का हनन कर संसद में क़ानून पास कर दिया जाता है।भूल जाएंगे हम की किस प्र...
Wipro’s IAM Solutions saving big moolah of organizations by enhancing efficiency to achieve optimal business results

Wipro’s IAM Solutions saving big moolah of organizations by enhancing efficiency to achieve optimal business results

Business, Opinion
Intelligent Asset Management Solutions by Wipro offer a means to contemplate all the major and minor factors about operations and costs for achieving organizational goals. Regardless of the domain, no business organization escapes the impact of digitalization of processes. Deemed as a revolution of sorts, it calls for an increased focus on managing assets over the internet. Significant effort is required to ascertain the functionality for augmenting the existing asset management processes.  As per a report by Moody’s, the asset management industry is all set to witness an unprecedented growth over the next decade. It will transform businesses by letting them adapt fully to the digital world.  In the absence of a proper asset management system, lack of control over the fi...
Godi Media की जहालत, पक्षपात, चाटुकारिता ने पत्रकारिता की साख को ध्वस्त किया है: Farmers’ Protest

Godi Media की जहालत, पक्षपात, चाटुकारिता ने पत्रकारिता की साख को ध्वस्त किया है: Farmers’ Protest

Latest News, Opinion
The way a large section of Indian Media has slandered the ongoing farmers protest, discredits its own image. The term 'Godi Media' becomes even more relevant after a series of consistent efforts by media outlets such as Aaj Tak, Zee News, Republic TV, Times Now, etc. to defame protestors with no substantial evidence. जब भारत के अन्नदाता राजधानी दिल्ली और सटे इलाकों में पिछले दो हफ़्तों से नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) द्वारा लाये गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, मीडिया के एक वर्ग लगातार उनके खिलाफ आग उगल रहा है। खालिस्तान समर्थक (Khalistan supporters) , विदेशी कंपनियों द्वारा लाये गए भाड़े के टट्टू, देश विरोधी तत्व (anti-national elements) -- देश की राष्ट्रीय मीडिया ने मेहनतकश किसानों के चरित्र हनन करने के लिए हर तरह के आग उगले। यही कारण है की कुछ मीडिया चैन...
कविता: “हम भूख से कैसे लड़ पाएंगे?”

कविता: “हम भूख से कैसे लड़ पाएंगे?”

Latest News, Opinion
The poem was written during India's Covid-19 lockdown, when migrant workers from Delhi-NCR, Mumbai, Hyderabad, Chennai, Bengaluru, and various other megacities were returning to their home on foot. Internet was full of heartbreaking pictures of migrants in plight with nothing to eat and nowhere to live. A migrant worker returning home on foot, carrying his child during Covid-19 lockdown in India. (Courtesy: QuartzIndia) सफ़र लम्बा है ,इस बंद पड़ी दुनिया और वीरान रास्तों परहाथों में सामान लिए, प़ीठ पर बच्चों को लेकरभूखे-प्यासे नंगे पैरहम चले तो जा रहे हैंपंद्रह सौ किलोम़ीटर का सफ़रक्या हम पैदल तय कर पायेंगे?क्या इस तपत़ी धूप मेंहमारे पैर कहीं जल जायेंगे?कोरोना से तो हम लड लेंगे।पर भूख से कैसे लड़ पायेंगे? सरकारों के आपस में ही मतभेद हैंहर नेता दूसरे नेता कोअसफल ठहराने में लगा हैकोई...
कोरोना — एक महामारी या प्रकृति का बदला?

कोरोना — एक महामारी या प्रकृति का बदला?

Opinion
क्या कोरोनावायरस वास्तव में एक महामारी है या हम मनुष्यों द्वारा की गई एक भयानक भूल का परिणाम? कहीं प्रकृति मइया हमें हमारी गलतियों का सबक तो नहीं सीखा रही? Covid-19: A pandemic or nature's revenge? (Courtesy: CouncilOfEurope) प्रकृति की गोद में अपनी दुनिया सजाने वाला मानव देखते देखते अपनी आँखों में लालच का काजल लगाकर इस गोद को कलंकित कर बैठा। ये लालच इंसानी मष्तिष्क में घुसा एक ऐसा वायरस है जो किसी भी अन्य वायरसों से अधिक खतरनाक मालुम पड़ता है। इसके आगे मनुष्य अपना विवेक खो बैठता है और धन सृजन करने की पराकाष्ठा को पार कर जाता है। इंसानो में इंसानी मूल्य कहे जाने वाले तत्वों का बहुत तेजी से नाश हुआ है जिसके कारण आने वाले दिनों में भी अनगिनत आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।हाल के दिनों में ये पाया गया है की मानव प्रजाति अपना मुँह छिपाये फिर रहा है और सब एक एक बन्दे को पकड़कर बंद क...