पटना(Patna) के कई तालाबों को मिटाकर बना लिया गया है, स्थायी मकान, प्रशासन ने अतिक्रमणमुक्त कार्रवाई शुरू की!
पटना(Patna) शहर में हाल ही में तालाब अतिक्रमण के तहत 350 तालाब चोरी का मामला सामने आया है। मुद्दे के अनुसार सरकारी दस्तावेजों के अंतर्गत पटना जिले में 350 तालाब का उल्लेख है। गौरतलब है कि इन 342 तालाबों पर लोगों द्वारा अवैध कब्जा करने के पश्चात स्थायी – अस्थायी मकान, दुकान व मंदिर का निर्माण कर लिया गया है। उल्लेखित कई तालाबों का अस्तित्व वर्तमान में है ही नहीं, जैसे गुणसागर तालाब कभी शहर का सबसे बड़ा तालाब हुआ करता था, लगभग 19.05 एकड़ में फैले इस तालाब का एक भी हिस्सा अब देखने को नसीब नहीं है। संदलपुर क्षेत्र में स्थित इस गुणसागर तालाब को रौंदकर बड़ी कॉलोनी का बसेरा हो गया है, जिसमें लगभग 420 से भी ज्यादा मकान निर्मित हो चुके हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार धर्मेंद्र साहनी नाम के एक व्यक्ति की जानकारी से पता चला है कि तालाब कों जोतने से उनके परिवार का जीविका चलता था। इसलिए लगभग 20 साल पहले तालाब के अतिक्रमण को रोकने के लिए उनके द्वारा कई प्रयास किए गए। उनके द्वारा सभी सम्बंधित विभाग से लेकर मंत्री तक सूचना प्रेषित की गई परन्तु प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई और तालाब का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म हो गया।
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सभी तालाबों के जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक की कार्यवाही –
मत्स्य विभाग ने बताया कि तालाबों के अतिक्रमण सम्बन्धी जानकारी प्राप्त होने के पश्चात सत्यापन करने के बाद जिला मत्स्य विभाग द्वारा पटना(Patna) के अवर निवेशक को सूचित किया गया था कि सभी 350 तालाबों पर अवैध कब्जा कर मकान का निर्माण किया जा चुका है, जिसकी खरीद-बिक्री प्रक्रिया सूचना विभाग को प्राप्त हुई हैं। इसलिए इन सभी तालाबों के जमीन से सम्बंधित खरीद-बिक्री की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया जाये।
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विभाग द्वारा 350 तालाबों की खोज जारी –
पटना(Patna) के 350 तालाबों के चोरी के मामले में संबंधित रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गई है। पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह के अनुसार तालाब की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए जिले के भूमि सुधार उपसमाहर्ता के अनुपालन में एक टीम का गठन किया गया है। इस टीम द्वारा सभी संबंधित तालाबों के नापी की प्रक्रिया को पूर्ण कर अतिक्रमण / अवैध कब्जे की जानकारी जांच की जा रही है। कई जगह पर तालाब के स्थान पर स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण पाया गया है। विभाग द्वारा अतिक्रमण वाले सभी मकान पर रेड मार्क किया जाकर नोटिस जारी किया जा रहा है।
यदि प्रशासन द्वारा इसी तरह की कार्य किया जाए, तो शायद पुनः तालाब अपने वास्तविक स्थिति में आ सकेंगे ।
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