मानवता का भविष्य क्या होगा? Future of Humanity according to BR Ambedkar
अगड़े वर्ग के युवा आजकल अम्बेडकर को गरियाते फिरते हैं। और यह भारत में ही हो सकता था। इतिहास से हम कब के भागने लगे थे। उदारीकरण के बाद ये और तेजी से हुआ और ह्यूमैनिटीज के विषयों को हमने कूड़ा समझकर किनारे कर दिया। इसी का फायदा ले एक नए वर्ग का जन्म हुआ "कुंजी इतिहासकार"।
Future of Humanity according to BR Ambedkar
डॉ अम्बेडकर की " एनिहिलेशन ऑफ़ कास्ट" (Annihilation of Caste) पढ़ते हुए यह ख्याल आया की 1936 में लिखी गई ये किताब आज कितनी प्रासंगिक रह गई है? इस किताब में लिखी गई तमाम बातों से हमारा समाज कितना अलग हो पाया है?
मैं जाति सुधारों को एकदम नकार नहीं सकता, यह अम्बेडकर और उनके जैसे महापुरुषों की पुरुषार्थ पर सवाल होगा। लेकिन, हमारा समाज( अगड़ी जातियां) इस सुधार का कितना श्रेय ले सकती हैं, इसका पड़ताल जरूरी हो जाता है। क्या अगड़ी जातियों को अपने सामाजिक और राजनीतिक सत्ता में पि...