In the past few months, there have been several incidents that reminds people of the Jungle Raj during the rule of Lalu Yadav and Rabri Devi. Murder in Patna, killings in Madhubani, Munger fiasco during Durga Puja, etc. are some of the incidents that makes people call it Jungle Raj 2.0 under Nitish Kumar.
21वीं सदी का बिहार!
उम्मीदें तो बहुत की होंगी न आपने। ख़ासकर उस पीढ़ी के लोग जिन्होंने लालू शासन के जंगलराज (Lalu ka Jungle Raj) को नज़दीक से देखा है, उसे महसूस किया है। जब मेरे पिताजी कभी उस वक़्त की बातें किया करते हैं, माँ कसम रूह काँप उठता है। विश्वास ही नहीं होता कि मेरा जन्म भी उसी जमाने का गवाह है जिसपर मैं आजीवन गर्व नहीं कर पाऊंगा। शायद जिस वक़्त मैं इस धरती पर आया हूँगा किसी माँ की कोख सूनी हो रही होगी, किसी बहन की राखी की कसम टूट रही होगी। सोचता हूँ मैं की जब मेरे नानाजी मेरा बचपन संवार रहे थे, न जाने कितने हमउम्रों का भविष्य तमस की गलियों में भटक रहा होगा।
खैर मैं अपने मुद्दे से नहीं भटकना चाह रहा। तो मैं बात कर रहा था आपकी उम्मीदों का। 21 वीं सदी के बिहार का। सोचा होगा आपने कि आपके बच्चों के जमाने में कुछ नहीं तो बेहतरीन सड़कें होगी, मार-काट-उत्पात से मुक्त समाज होगा, पहले की तरह हत्याकांड नहीं होंगी, जातिवाद (Casteism in Bihar) का जहर नहीं होगा। मल्टी-नेशनल कंपनीज की ऊँची ऊँची इमारतें तो खैर सिर्फ हमारे सपनों को ही नसीब है। मेरी याद में मैंने लालू-राबड़ी राज (Lalu Rabri Raj) को कभी नहीं देखा। मगर जबसे मेरी यादाश्त रही है, मैंने बिहार में इस तरह की बे-सिर-पैर वाली कानून व्यवस्था कभी नहीं देखी। जब लगने लगा था की मेरा बिहार मूर्खता के साये से बाहर निकल रहा है ठीक उसी वक़्त एक अलोकतांत्रिक व्यवस्था ने हमारे समाज हैक कर लिया।
Multiple Law and Order Failures under Nitish Kumar: Jungle Raj 2.0 in Bihar?
यहाँ बात सिर्फ मधुबनी (Madhubani Massacre) में क्या हुआ इसका नहीं है। बात है पिछले कुछ महीनों में लगातार हो रहे क़ानून व्यवस्था की विफलताओं का। याद कीजिये बिहार विधानसभा चुनाव के वक़्त मुंगेर में दुर्गा पूजा (Munger Durga Puja Kand) में कितना हंगामा हुआ था। क्या हुआ उसका? पटना में दिनदहाड़े इंडिगो एयरलाइन्स के मैनेजर की हत्या हुई थी। क्या हुआ उस केस का? कुछ अत-पता नहीं! होली के मौके पर नालंदा, रोहतास, भागलपुर, गया, सीतामढ़ी, आदि राज्य के कई जिलों में करीब 40 लोगों की मौत हुई और इतने ही घायल भी हुए। सरकार ने इसपर क्या एक्शन लिया? क्या आपने जानने की कोशिश की? शायद नहीं। आये दिन बलात्कार, सामाजिक उत्पीड़न, वैवाहिक उत्पीड़न, दहेज़ हत्या, आदि कुकरों से महिलाओं की मौत हो रही है। क्या आपने मुख्यमंत्री को भाषण के सिवा कुछ और करते हुए देखा है इन मुद्दों पर? (Murder, rape, social brutality, marital rape, in Bihar)
‘हम शराब को बिहार में पूरी तरह से प्रतिबंधित करने को प्रतिबद्ध हैं।’ सुनने में कितना अच्छा लगता है ना। लेकिन पता तो आपको भी होगा ना इसकी तस्करी करवाने में बिहार के कितने मंत्री और नेता शामिल हैं। हो सकता है की ये साड़ी खामियां हमारे सिस्टम में हमेशा से थी लेकिन इस मुद्दे को कोई उठाने वाला न था। मैं मानता भी हूँ इस बात को और धन्य हूँ बिहार के इस विपक्ष का जो सरकार की नाकामियों को बेहतरीन ढंग से लोगों के सामने ला रहे हैं। इसका मतलब ये नहीं की जो कमी हमेशा से हमारे अंदर थी हम उसे कभी ख़त्म ही ना करें। एक आदर्श नागरिक का धर्म निभाकर हमें सरकार से सवाल पूछना ही होगा। जवाब मांगना होगा उन सारे वादों का जो सुशासन बाबू (Sushasan Babu) ने चुनाव के वक़्त किये थे। क्योंकि अगर आप सच नहीं बोलेंगे तो आने वाली कई नस्लें आपको कोसेंगी।
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